श्री रमेश बाबू वी, मई 2024 से केन्द्रीय विद्युत विनियामक आयोग में सदस्य हैं और मौजूदा नियुक्ति से पूर्व उन्होंने मई 2020 से जनवरी 2024 तक एनटीपीसी में निदेशक (प्रचालन) के रूप में कार्य किया। एनआईटी श्रीनगर से मेकैनिकल इंजीनियरिंग स्नातक और आईआईटी दिल्ली से थर्मल इंजीनियरिंग में मास्टर, उन्होंने वर्ष 1987 में कार्यपालक प्रशिक्षु के रूप में एनटीपीसी में कार्यभार ग्रहण किया। उनका थर्मल संयंत्रों के प्रणाली सुधार और कार्यकुशलता के क्षेत्र में तथा पुराने यूनिटों के विद्युत संयंत्र प्रचालन तथा रखरखाव, नवीकरण एवं आधुनिकीकरण के क्षेत्र में बड़े आकार के संयंत्रों के प्रबंधन में उत्कृष्ट योगदान सहित 37 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव रहा है। उन्होंने व्यवसायिक प्रबंधन तथा रणनीतिक योजनाकार के रूप में संयंत्रों की कार्यकुशलता और विश्वसनीयता के सुधार के लिए कई पहल की।
विद्युत क्षेत्र में श्री रमेश बाबू के अनुभव में विद्युत स्टेशनों के ’बिजनेस यूनिट प्रधान’ और ईडी से सीएमडी के रूप में भी वरिष्ठ प्रबंधन स्तर का एक्सपोजर शामिल है जहां उन्होंने एनटीपीसी विद्युत संयंत्रों के प्रचालनगत उत्कृष्टता से संबंधित प्रणाली सुधार गतिविधियों और रणनीतियों पर कार्य किया।
श्री रमेश बाबू एनटीपीसी तमिलनाडु एनर्जी कंपनी लिमिटेड (एनटीईसीएल), कान्ति बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड (केबीयूएनएल), भारतीय रेल बिजली कार्पोरेशन लिमिटेड (बीआरबीसीएल) और नबी नगर पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (एनपीजीसीएल) के बोर्ड में अंशकालिक अध्यक्ष भी रहे। वे मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड (एमयूएनपीएल) के बोर्ड के अंशकालिक अध्यक्ष भी रहे। वे उत्तरी कोल फील्ड लिमिटेड के बोर्ड के स्थायी अतिथि रहे और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भी रहे।
निदेशक (प्रचालन), एनटीपीसी के रूप में वे सभी पावर स्टेशनों की ईंधन रक्षा, सुरक्षा एवं पर्यावरणीय अनुपालन सुनिश्चित करते हुए एनटीपीसी गु्रप पोर्टफोलियों के सभी विद्युत उत्पादन स्टेशनों के सुरक्षित, विश्वसनीय, सतत एवं कुशल प्रचालन के लिए समुचित योजना के लिए भी उत्तरदायी रहे।
श्री रमेश बाबू को ईपीआरआई द्वारा लोचशील प्रचालनों में उनके कार्य के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर अवार्ड प्रदान किया गया।